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संस्कृति और सभ्यता✍️सुमन भारती



ओझा गायब नऊवा गायब,रसरी के बरवइया गायब....

चना चबैना लइया गायब,जोन्हरी अउर मकईया गायब...

झुलुहा दुवरे नईखे परत अब ,कजरी, फाग गवैया गायब...

आम के पेड़ अब नाही कहूं दिखे , बगिया के रखवैया गायब..

जब से चलल गिद्ध भोज एहिजा,तब से पाती के परोसवईया गायब...

अटिया गायब पटिया गायब, बांसे वाली खटिया गायब...

चकिया गायब ओखरी गायब , बईठे वाली मचीया गायब ...

ढेबरी गायब डेहरी गायब,ताखा अउर मसहरी गायब....

हसुली गायब तरकी गायब,काने वाली मुरकी गायब...

कथरी गायब गुदरी गायब, बचपन वाली खटोलिया गायब...

मोबाइल फ़ोन जब से चलल,पहुना के अगुवानी गायब..

सगुनी के उठवइया गायब,आचार अमावट ,कचावट गायब..

हाइव्रिट के नसल चलल अब ,देशी हो गइल बिल्कुल गायब.

पश्चिमी सभ्यता जब से चलल बा, बाबू जी,आजी के कहवइया गायब...

ना भइल जब एहिपर रोक त, एक दिन मरले पर रोवइया गायब....

🌼🌼🌼सुमन भारती 🌼🌼🌼

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