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स्वर्गीय काशीनाथ सिंह के सातवीं पुण्यतिथि पर सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन


शकील खान

बैरिया बलिया।इब्राहिमाबाद निवासी रमेश सिंह के दरवाजे पर स्वर्गीय काशीनाथ सिंह के सातवीं पुण्यतिथि पर संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जो 25 मई से लेकर 31 मई तक चलेगा 1 जून को इस कथा यज्ञ का विशाल भंडारा संपन्न होगा।

स्वर्गीय काशीनाथ सिंह के सातवें पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी पत्नी कौशल्या देवी तथा उनके अनुज रमेश सिंह द्वारा सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 25 मई से 31 मई तक किया गया है। जिसका दिनांक 28मई दिन रविवार के मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह एवं विशिष्ट अतिथि मुरली छपरा मंडल अध्यक्ष मदन सिंह एवं मंडल उपाध्यक्ष सुनील सिंह उर्फ पप्पू सिंह रहे ।

संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के कथा वाचक व्यास काशी क्षेत्र से आचार्य मृदुल कृष्ण जी महाराज ने कथा प्रसंग में कहा कि मनुष्य जन्म लेते समय निश्चल प्राणी होता है जैसे जैसे वह अपने जीवन में आगे बढ़ता है वह सांसारिक मोह माया से युक्त विमुख कार्यों को करने लगता है फलस्वरूप और कष्ट को पाता है।



आचार्य मृदुल कृष्ण जी महाराज ने सुनाई कथा


कथा व्यास आचार्य मृदुल कृष्ण जी महाराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।

इस दौरान संत शिरोमणि श्री श्री 108 श्री विमल दास जी महाराज जी एवं यज्ञाचार्य पंडित राहुल उपाध्याय, आचार्य राजकिशोर मिश्रा, आचार्य पंडित इंद्रजीत चौबे,पंडित अभिषेक जी संगीतकार ओपी राज जी स्वर्गीय काशीनाथ सिंह जो सपुत्र रामप्रताप भानु प्रताप सिंह हम कथा सुनने वाले गांव क्षेत्र के हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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