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इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने राजनीतिक दलों से पत्रकार सुरक्षा कानून को अपने घोषणापत्र में शामिल करने की मांग की - सेराज अहमद कुरैशी



इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने सभी राजनीतिक दलों को पत्रकारों की समस्याओं का मांग पत्र भेज कर घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग।


  गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।  


इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने सभी राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, आल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी, आजाद समाज पार्टी, पीस पार्टी, निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं का मांग पत्र भेज कर घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की। 

श्री कुरैशी ने कहा कि पत्रकारिता देश का चौथा स्तम्भ है, मगर आज देश में पत्रकारों के समक्ष बहुत विषम परिस्थितियां हो गयी है। आये दिन पत्रकारों से दुर्व्यवहार, साजिश के तहत मुकदमा, हमला एवं हत्याओं से पत्रकारों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। आपकी पार्टी को पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पत्रकार तमाम दुश्वारियों को झेलते हुए जान जोखिम में डाल कर समाचार संकलन करता है, बावजूद इसके इनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं है।इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा एवं उत्पीड़न की घटनाओं पर सार्थक रणनीति बनाने एवं समस्याओं के निराकरण के लिए "पत्रकार सुरक्षा कानून ( जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट)" शीघ्र बनाया जाए। विधान परिषद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की तरह "पत्रकार निर्वाचन क्षेत्र" बनाया जाएं। दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को एक करोड़ रुपये आर्थिक मुआवजा, आश्रितों को सरकारी नौकरी एवं बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाए। 


असुरक्षित पत्रकारों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस आवेदन के 15 दिन के अंदर बिना एन. एस. सी. के वरियता के आधार पर लाइसेंस प्रपत्र जारी किया जाए। पत्रकारों के ऊपर भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं एवं दबंगों द्वारा उनके पक्ष में समाचार नहीं लिखने से असंतुष्ट होकर उनको फर्जी मुकदमें थाने में दर्ज करवा कर प्रताड़ित किया जाता है। ऐसे पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला सूचना अधिकारी एवं इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष की समिति प्रत्येक जिले में गठित करा कर पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज शिकायतों की जांच कराने के बाद दोषी पाये जाने पर ही कार्यवाही की जाए। ब्लाकों, तहसीलों एवं शहरी पत्रकारों को दस लाख का सामूहिक बीमा कराया जाए जिसकी किश्त सरकार द्वारा दी जाए। 



श्री कुरैशी ने कहा कि "पत्रकार पेंशन योजना" एवं "पत्रकार भविष्य निधि" की स्थापना की जाए। सभी पत्रकारों को सस्ती दर पर आसान किश्तों में भवन आवंटित किया जाए। सभी पत्रकारों को स्वास्थ्य लाभ हेतु जिला चिकित्सालयों के साथ साथ सरकार द्वारा अधिकृत आयुष्मान योजना के अंतर्गत अधिकृत प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सा सुविधा वरियता के आधार पर प्रदान की जाएं। समाचार पत्र - पत्रिका, इलेक्ट्रॉनिक चैनल, यूट्यूब न्यूज चैनल व न्यूज वेब पोर्टल को निरन्तर सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए सरकार द्वारा समान रूप से विज्ञापन दिया जाए। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा यूट्यूब न्यूज चैनल एवं न्यूज वेब पोर्टल को मानक अनुसार पंजीकृत कर आर. एन. आई. नम्बर आवंटित किया जाए। वैश्विक संकट से जूझ रहे ग्रामीण पत्रकारों को 10,000 हजार, महानगर के पत्रकारों को 15,000 हजार एवं राजधानी के पत्रकारों को 20,000 हजार रूपये मासिक आर्थिक सहयोग राशि सरकार द्वारा दी जाए।

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