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बिना सामाजिक संवेदना के बेमानी है नारी उत्थान की बात: तिवारी


नरहिं/बलिया- महिलाओं के प्रति समाज जब तक सवेदनशील नही होगा तब तक महिला सशक्तिकरण की बाते बेमानी ही साबित होगी, यह विडम्बना है कि मानव अपने परिवार के सुरक्षा के पति गम्भीर तो रहता है लेकिन घर के बाहर किसी दूसरे महिला का शोषण होता है तो वही उसकी अनदेखी करता है ऐसे समाज मे क्या महिलओं का उत्थान सम्भव है|
उक्त बाते महिला दिवस के अवसर पर हनुमानगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत नरही मे आयोजित स्वच्छता बैठक मे समाजिक कार्यकर्ता सतोष तिवारी ने कही ।उन्होने यह भी कहा कि नई सदी के नारी के पास कामयाबी के उच्तर शिखर को छूने की अपार क्षमता है उसके पास अनगिनत अवसर भी है, जिदगी जीने का जजबा भीउस मे पैदा हो गया है|
डीह इच्छा शक्ति और शिक्षा ने नारी मन को ऊच्च आकाक्षाऐ सपनो के सप्त रंग एवम अन्तरमंन की परतो को खोलने की गई राह दी है ऐसे ये महिलाओं की जागती एव आत्म विश्वास से निश्चित रूप से गांवों की तश्वीर व तकदीर दोनो ही बद जायेगी इस अवसर पर ग्राम प्रधान रेगनी देवी रेखा पाडेंय प्रेमशीला अन्जू सविता मजू कमलावती बबीता माया सहित दजोनो महिला मौजूद रही।

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