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लड़का और लड़कियों की शादी में ज्यादा देर न करें शादी को अहसान बनाए मुश्किल न बनाए -मुफ्ती असजद मियां



दरगाह आला हज़रत/ताजुश्शरिया,बरेली।

04-10-2021

काजी-ए-हिंदुस्तान की सरपरस्ती में मदरसा जामियातुर रज़ा में मनाया गया उर्स-ए-रजवी। बरेली सहित देश विदेश से ऑनलाइन जुड़े 35 लाख जायरीन ।

आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी का 103वा उर्स-ए-रजवी बड़ी अकीदत के साथ दरगाह ताजुश्शरिया और सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती व जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत और जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में मनाया गया। 

प्रोग्राम की निजामत मौलाना गुलजार ने की।

 आईटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हशमती ने प्रोग्राम को देश विदेश में ऑनलाइन प्रसारण किया। जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया फजर की नमाज़ बाद दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में कुरानख्वानी  और नात-ओ-मनकबत की महफिल सजाई गई।

 मुख्य कार्यक्रम का आगाज़ मदरसा जामियातुर रज़ा मे सुबह 10 बजे कारी शर्फोद्दीन ने तिलावत-ए-कुरान से किया। 

नातख्वा नसीम बरकाती, आसिफ रजा, अदनान रजा और सैय्यद कैफ़ी अली ने नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। देश विदेश से आए दिखर उलमाओं और सज्जादगान ने आला हजरत की ज़िंदीगी पर रौशनी डाली। मुफ्ती असजद मियां ने अपनी तकरीर में कहा लड़का और लड़कियों की शादी में ज्यादा देर न करें शादी को अहसान बनाए मुश्किल न बनाए। 

वही अल्लामा जिया उल मुस्तफा ने कहा दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम भी बच्चों को जरूर सिखाए, जिससे बच्चें अपने ईमान और अकीदत की हिफाज़त कर सकें। 

मौलाना शाहजाद आलम ने कहा बेगुनाओं को मुज्लिम ना ठहराया जाए हुकूमत मे बैठे ओडेदार इंसाफ से काम ले। सैय्यद गियास मिया (काल्पी शरीफ़) मौलाना आबू यूसुफ, मौलाना शाकील (रामपुरी), मौलाना कफील (संभाली), मौलाना फैजान रज़ा ने भी खिताब पेश किए। 

दोपहर को 02:38 मिंट पर सरकार आला हजरत के कुल शरीफ़ की रस्म लाखों लोगों की मौजूदगी में अदा की गई। फातिहा मौलाना अब्दुल सत्तार रज़ा ने पढ़ी। शिज़रा और खुसूसी दुआ मुफ्ती असजद मियां ने की। इसी के साथ तीन रोज़ा उर्स-ए-रजवी का समापन हुआ। 

इस मौके पर हुस्साम मियां, हुम्माम मियां, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरान मियां, मंसूब मियां, मौलाना शाहमत रज़ा, मौलाना शाकील, मौलाना शाहिद, मौलाना फैसल, कारी वसीम, कारी फैज़ू नबी, मौलाना जाहिद, कारी काजिम रज़ा, मुफ्ती अफजाल रजवी, मुफ्ती नश्तर फारुकी, मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अजहरी, मौलाना शम्स रज़ा व उर्स कोर कमेटी से डॉक्टर मेंहदी हसन, शमीम अहमद, मोईन खान, समरान खान, हाफिज इकराम रज़ा खां, अब्दुल्लाह रज़ा खां आदि लोग मौजूद रहें।

ऑनलाइन के मध्यम से देश विदेश से जुड़े 35 लाख जायरीन।

आईटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हशमती ने बताया की 103वा उर्स-ए-रजवी पर ऑनलाइन के मध्यम से ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया। जिसमे बरेली साहित देश विदेश से जायरीन जुड़े। आला हजरत के 103वा उर्स-ए-रज़वी की रस्म ऑनलाइन से जुड़ के भी अदा की गई। जो जायरीन किसी कारण नहीं आ पाए उन्होंने तीन दिन कार्यक्रम को ऑनलाइन सुना। लगभग 35 लाख जायरीन ने आई फ़ोन, एंड्रॉइड फ़ोन, आई पैड, लैपटॉप, डेस्कटॉप आदी। इन लिंक पर क्लिक करके उर्स का लाइव ओडियो प्रसारण सुना।

उर्स व्यवस्था में रहा इनका आयोग।

डॉक्टर मेंहदी हसन, शमीम अहमद, मोईन खान, हाफिज इकराम रज़ा खां, समरान खान, अब्दुल्लाह रज़ा खां, मोईन अख्तर, मौलाना निजामुद्दीन, बख्तियार खान, दानिश रज़ा, नदीम अहमद सुभानी, सैय्यद सैफ अली क़ादरी, नावेद आलम, गुलाम हुसैन, तसलीम रज़ा, इकरार (दन्नी), मोहम्मद फैजान रज़ा, अमिल खान, मोहम्मद अकिल खान, तसलीम खान, शबाब रज़ा, जुबैर कुरैशी, शाईबूद्दीन रजा, वसीम रज़ा, डॉक्टर ज़फ़र खान, हसमत अली, आमिर हबीबी, हाफिज अकबर, मौलाना बहारूल मुस्तफा, शाहरूख रजा अज़हरी, मशकूर अली, मोहम्मद फैसल हनफी, मुशाहिद रजा, अली असगर, नबीशेन, हाफिज जाहिद, मुहम्मद अहसान, सलमान रज़ा, मोहम्मद फाइक रजा, मोहम्मद फैजान रज़ा, आरिफ रज़ा, अमर हुसैन, अब्दुल सलाम, मोहम्मद करीमउद्दीन, वसीम चौधरी, मुदस्सिर मिर्ज़ा आदि।



समरान खान 

मीडिया प्रभारी

जमात रज़ा-ए-मुस्तफा

दरगाह आला हजरत

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