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अपने बकाया पैसा मांगने गए वेल्डिंग मैकेनिक को पीट पीटकर किया अधमरा इलाज के दौरान हुई मौत



नवादा में चोरी के आरोप में एक युवक को बुरी तरह पीट पीट कर अधमरा कर दिया और इलाज के दौरान युवक की हुई मौत।

 नवादा बिहार।

 मोहम्मद सुल्तान अख्तर।

 नवादा जिला के अंतर्गत पकरी बरावाँ थाना क्षेत्र के गंगटी गांव में 29 सितंबर लगभग रात्रि 8:00 बजे के बाद युवक  इमरानअख़्तर उर्फ(आजन इमाम) पिता जमील अख्तर ग्राम निवासी सुदनपुर जो गेट ग्रिल का काम अपने गांव सुदन पुर में ही  करता था।

 और ट्रैक्टर का डाला बनाने हेतु अपनी बकाया राशि लाने के लिए गया और वहां ट्रैक्टर का चोरी करने का आरोप लगाकर पांच से छः लोग  मिलकर एक युवक को लाठी, डंडा, रड से प्रहार किया और मारकर अधमरा कर दिया।

 मानो तो  उसकी जान ही ले ली गई थी, लेकिन इसी बीच किसी ने पकरी बरावाँ थाना को कॉल कर बताया पकरीबरावां थाना वहां पहुंची पहुंचने के बाद युवक को आनन-फानन हॉस्पिटल लाया। पकरी बरावाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाया गया लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इमरान अख्तर (आजन इमाम) पिता जमील अख्तर 25 वर्षीय उस गांव में हमेशा जाया करता था। कभी इस प्रकार की कोई घटना नही घटी, गंगटी गांव के अक्सर लोग गेट ग्रील का काम इसके पास ही करवाया करते थे। 

मृतक के पिता जमील  अख्तर ने कहा है कि हमारे बेटे को गहरी साजिश के तहत हत्या किया गया है।जमील अख्तर ने बताया कि मेरा बेटा वेल्डिंग का उधारी पैसा मांगने गया था!  सभी आरोपितों ने मेरे बेटे को अपने घर ले जाकर अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या किया है।

मुझे इसका न्याय मिले वरना मैं बेटा के इंसाफ के लिए न्याय पालिका तक जाऊंगा। मोहम्मद परवेज निवासी सुदनपुर जिनका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है उनकी मानी जाए तो संदीप साव ही इसे मारा है, उसने ही दुश्मनी का बदला लिया है। संदीप साव निवासी गंगटी ने हाथ पांव बांधकर नस काटकर और बहुत ही बेरहमी से उसको मौत के घाट उतारा है। 

पुलिस को उसका बांधा हुआ शरीर प्राप्त हुआ। जिसमें हाथ टूटा हुआ था।  मोहम्मद परवेज का कहना है कि मोहम्मद इमरान अख्तर उर्फ (आजन इमाम)संदीप साव के यहां उठना बैठना हमेशा  था और अपना तकादा करके संदीप के यहां  आया। उसके बहुत सारे साथी गंगटी में पहले से मौजूद हैं। संदीप के यहां कुछ देर  ठहर गया। 

फिर उसे पूरी प्लानिंग के साथ बांध कर बेरहमी से पीटा, और मौत के घाट उतार दिया। इसी तरह से मोहम्मद बशीरुद्दीन सुदनपुर के निवासी की मानी जाए तो उनका कहना है कि चौकीदार के जरिए पुलिस को मालूम हुआ पुलिस आई और पकरी बरावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद डॉक्टर ने नवादा रेफर कर दिया लेकिन कोई ले जाने वाला नहीं था और ना ही प्रशासन नवादा ले गया।

 जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई,कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही से इसकी मौत हुई है। आरोपी और उसके परिजन एवम दलाल मिडिया ट्रैक्टर और ट्रैक्टर की बैटरी  चोरी का इल्जाम लगाकर लोगो का ध्यान मुद्दे से हटाने का काम किया है। इस बुरी तरह लाठी डंडे और रॉड आदि से पीट-पीट कर अधमरा कर दिया,पुलिस उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर पहुंची जहां सुबह होते ही उसकी मौत हो गई। 

इधर कुछ संघी मीडिया ने यह हवा उड़ा दिया और  वावेला मचा दिया कि ट्रैक्टर चोरी करने गया था क्या ट्रैक्टर की बैटरी चोरी करने गया था तो प्रश्न ये उठता है। ट्रैक्टर या ट्रैक्टर की बैटरी चोरी करने के लिए अकेला कैसे करेगा, चोरी की घटना अकेला अंजाम नही दिया जा सकता? लेकिन इसे संघी मीडिया सत्यता नहीं दिखाते हुए, बल्कि सत्य को छिपा कर आरोपी को बचाने में लगी है। 

और चोरी का आरोप लगाकर इस केस को खत्म करने की कोशिश कर रही है। और दोषियों को बचाने का काम कर रही है। मृतक इमरान अख्तर उर्फ (आजन  इमाम) के परिजनों का कहना है कि जितने आरोपी हैं चार या पांच सभी को चिन्हित करके उसे जेल के सलाखों में डाला जाए और हमें न्याय मिले, इस बीच  समाजिक कार्यकर्ता और मौलाना आजाद वेलफेयर ट्रस्ट के चेयर मैन मौलाना आजाद कासमी से हमारे संवादाता से बात की और वह मृतक के घर पर गए भी थे। उन्होने परिजनों से बात किया उन्होंने बताया कि यह एक सोची समझी साजिश है।

 इस तरह की घटनाएं इससे पहले भी कई बार हो चुकी है और चोरी का इल्जाम लगाकर हत्या कर दिया जाता है। यह बिल्कुल ही अफसोस नाक है। इसमें पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है। इस पूरे मामले में पर पुलिस ने क्यों साधा मौन? थाना प्रभारी मुंह दर्शक बने हुए हैं! 

कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं! तथा थाना प्रभारी के फोन पर रिंग हो रहा है लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है! यह सब कई सवाल खड़े कर रहे हैं।  पकरीबरावाँ के कई सामाजिक  कार्यकर्त्ता ने भी अफसोस जाहिर किया है, और प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा है कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए और जितना  जल्द से जल्द संदीप साव की गिरफ्तारी की जाए।

अभी भी जो असल दोषी है पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।  उसकी गिरफ्तारी अभी भी नहीं हुई है। समाचार लिखे जाने तक किसी दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।  दोषियों के अन्य परिजनों में से एक से दो को गिरफ्तार किया है। जो बिल्कुल ही अफसोस नाक है, आख़िर दोषी पुलिस की गिरफ्त से बाहर क्यों है?






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