Ticker

6/recent/ticker-posts

ऐ उम्र ! ठहर जरा-सुमन भारती


*कुछ कहा मैंने,*

*पर शायद तूने सुना नहीँ..!*

*तू छीन सकती है बचपन मेरा,*

*पर बचपना नहीं..!!*


*हर बात का कोई जवाब नही होता...,*

*हर इश्क का नाम खराब नही होता...!*

*यूं तो झूम लेते है नशे में पीनेवाले....,*

*मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...!*


*खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है....!*

*हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है....!*

*जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,*

*असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है....!*


*किसी ने खुदा से दुआ मांगी.!*

*दुआ में अपनी मौत मांगी,*

*खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दु मगर...!*

*उसे क्या कहु जिसने तेरी जिंदगी मांगी...!*


*हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता....!*

*हर एक इन्सान बुरा नही होता.*

*बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से....!*

*हर बार कुसुर हवा का नही होता.. !!*


🌼🌼🌼 भारती 🌼🌼🌼


,,

Post a Comment

0 Comments