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मुस्लिम‌ समाज ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए सौंपा ज्ञापन



मस्जिद, मदरसा, दरगाह व कब्रिस्तान की हिफाज़त की भी मांग। 



गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।‌ 


पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) व हज़रत आयशा की शान और क़ुरआन शरीफ़ के बारे में गुमराहकुन झूठी बात करके मुस्लिम तबके के मजहबी जज़्बात को भड़काने वाली बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई को लेकर मुस्लिम समाज की जद्दोजहद जारी है। 

इस सिलसिले में मुस्लिम अवाम द्वारा गुरुवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव को सौंप कर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी कर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। 

नेतृत्व कर रहे मोहम्मद वसीम ने कहा कि 27 मई को एक न्यूज़ चैनल पर इंसानियत का सबक देने वाले पैग़बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) व हज़रत आयशा की शान और क़ुरआन शरीफ़ के बारे में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने अमर्यादित, अशोभनीय, अपमानजनक व गुमराहकुन बातें करके फिरकापरस्त नफ़रत फैलाने वाला और मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब पर हमला करने वाला बयान दिया। कानूनी कार्रवाई का खौफ तो दूर रहा वह खुलेआम घूम घूम कर न्यूज़ चैनलों पर आकर मुसलमानों को भड़काने और भारतीय संविधान व कानून की धज्जियां उड़ा रही है। कई दिन गुजरने के बाद भी दिल्ली पुलिस व मरकजी हुकूमत उस पर एक्शन नहीं ले रही है। जिस वजह से गोरखपुर व देश के करोड़ों मुसलमानों और अमन पसंद नागरिकों में नाराज़गी है।

सैयद नदीम अहमद ने कहा कि गांधी व अंबेडकर के मुल्क को कुछ लोग नफ़रत व तशद्दुद में तब्दील करना चाहते हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। ‌गोरखपुर में नूपुर शर्मा पर आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 504, 505 (1), 505 (2) के तहत एफआईआर दर्ज करने और उस पर कार्रवाई करना इंसाफ के तहत गोरखपुर व देश के अमन के लिए जरूरी है। सोशल मीडिया के किसी प्लेटफार्म या टीवी चैनल पर बोलने की आजादी का हवाला देकर नफ़रत व हिंसा फैलाने वालों पर कड़ा प्रतिबंध लगाया जाए। 

कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन पैग़ंबरे इस्लाम व क़ुरआन की शान में अदना सी भी गुस्ताखी व बेअदबी बर्दाश्त नहीं करेगा। हम भारतीय सरकार के जरिए बेअदबी करने वाली नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी व कड़ी सजा दिए जाने की मांग करते हैं। साथ ही हमारी मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों व कब्रिस्तानों की हिफाज़त व मुसलमानों पर बढ़ रहे जुल्म को रोकने के लिए ठोस कदम उठाया जाए। 

अफजल खान ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में अदना बेअदबी भी हमें कबूल नहीं है। पैग़ंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी करने वाले लोग मुल्क में अमनो शांति के लिए खतरा हैं, लिहाजा ऐसे गुस्ताख व बेअदब लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए। सजा देने का कानून बनाया जाए। 

ज्ञापन सौंपने वालों में सैयद हुसैन अहमद, आदिल अमीन, एडवोकेट मो. आजम, हाफिज आमिर हुसैन निजामी, एडवोकेट शुएब अंसारी, हाजी सेराज अहमद, अब्दुल समद, नूर मोहम्मद दानिश, मनोव्वर अहमद,  यासीन खान, हाफिज रहमत अली निजामी, माहताब आलम, अली गजनफर शाह, मोहसिन खान गोल्डी, एडवोकेट एसएफ अहमद, नवेद आलम, एडवोकेट मिनहाज सिद्दीकी, मो. अशरफ, जावेद करीम, निजामुद्दीन, मोहम्मद आज़म आदि शामिल रहे

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