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जिंदगी ना मिलेगी दोबारा



 

लेखिका..

 तसनीम फिरदौस।

 जामिया नगर,नई दिल्ली।

  11 00 25.

 मोबाइल नंबर,

 9990157567,

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जिंदगी जिंदादिली का नाम है, इसे जिंदा और बाशऊर इंसानों की तरह बसर करना चाहिए, क्योंकि जिंदगी इस दुनिया में रहने का सिर्फ एक मौका ही नहीं बल्कि कुदरत का सबसे खूबसूरत तरीन और नायाब तोहफा है जो किसी भी जानदार को अता किया जाता है।  इंसान को तमाम  जानदारों में अशरफुल मखलुकात यानी सबसे अच्छा इसलिए कहा गया कि उसे सिर्फ जिंदगी ही अता नहीं की गई है।बल्कि उसे खूबसूरत तरीके से जिंदगी गुजारने के लिए शउर जैसी नेमत से भी नवाजा गया है। जिंदगी सिर्फ सांस लेने,खाने-पीने, सोने जागने का नाम नहीं है। सांस तो हम सब लेते हैं। लेकिन हकीकत में जिंदगी सिर्फ उन्हीं को मिलती है। जिन्हें जिंदगी जैसी अनमोल नेमत के सलीके और करीने से बसर करने का शुउर यानी (तरीका) भी मयस्सर आता है। यह जिंदगी का शउर ही है जो इंसानो को फर्श से उठाकर अर्श पर पहुंचा देता है।

 लेकिन हमारी बदकिस्मती है। आज हम अपने आराम परस्ती  में इस तरह डूब चुके हैं। कि हमें इस बात का एहसास तक नहीं है। कि हम जिंदगी जैसी अजीम नेमत को किस कदर बेफिक्री और किस कदर  नाशुकरी से बर्बाद किए जा रहे हैं।कोई जिंदगी को अजाब समझता है। तो कोई जिंदगी को हसीन ख्वाब समझता है। मगर असल जिंदगी की हकीकत कुछ और ही है, जिंदगी खुशी और गम से भरा हुआ मजनुआ है।जिसमें उतार-चढ़ाव लगे रखते हैं। आज माल ओ दौलत और मादी चीज़े  हमारी जिंदगी का मरकज है। और हम अपने अकल और शउर को इंसानियत की तामीर के बजाए इंसानियत की तखरीब पर इस्तेमाल करने पर तुले बैठे हैं। जबकि यह गलत है, इंसान अपनी जिंदगी में सिर्फ खुशी की ही ख्वाहिश करता है, और खुशी ना मिलने पर अल्लाह से शिकायत करता है। जबकि अल्लाह ताला की इस दुनिया में इंसान को जो भी मिले उसे मन ओ अन कुबूल करना चाहिए। जिंदगी के बारे में हमारे रवैए और हमारी सोच दिन-ब-दिन किस कदर जालमाना होती जा रही है। इसका अंदाजा हमारे समाज में तेजी से फैलती हुई बेहिसी और इंतेशार से बखूबी लगाया जा सकता है।जरा जरा सी नाकामी पर लोग खुद कुशी तक करने पर आमादा हो जाते हैं, हमें इस फेअल में शामिल हर इंसान नजर अता है, चाहे वह जवान हो, बच्चा हो, या बुढ़ा, कोई अगर पढ़ाई में नाकाम होता है तो यह कदम उठाता है, कोई बेरोजगार है, या अपनी जिंदगी से परेशान है। तो अपनी जान देने पर जरा देर नहीं लगाएगा  यह कदम उठाने वाला यह जरा भी नहीं सोचता कि वह अपने पीछे कितनी जिंदगियों को रोता बिलगता  छोड़कर जा रहा है। आज का इंसान बहुत ही खुदगर्ज हो गया है। उसको सिर्फ अपने दु:ख के अलावा किसी दूसरे का दु:ख दर्द समझ नहीं आता! हम हमेशा यह क्यों भूल जाते हैं कि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा... हम सब हमेशा रहने वाली जिंदगी भी चाहते हैं !और हमारी सबसे बड़ी लड़ाई भी खुद जिंदगी के विरूद्ध ही है।

आज हमारी तमाम बाग डॉर और कोशिशें सिर्फ रुपए पैसे से शुरू होती है और उसी पर खत्म हो जाती है। हम दोस्तियों और रिश्तेदारों की बुनियाद भी  किसी न किसी फायदे की खातिर  रखते हैं।

 सियासत का मैदान हो या खूनी रिश्तों की कहानी जिधर देखो वहीं नफरतों, अदावतों, और अदम बर्दाश्त और एक दूसरे की नाकद्री का जज्बा शिद्दत से जोर पकड़ता नजर आता है,एहसास मोहब्बत चाहत, और खुलुस से आरी खोखले रवैए हमें न सिर्फ खुद से बल्कि जिंदगी से भी दूर करते जा रहे हैं।और इन अनमोल समय से मजा लेने के बजाय उनको हमेशा हमेशा के लिए बर्बाद किए जा रहे हैं।

 अपनी जिंदगी को कैसे गुजारना चाहिए और कैसे गुजार रहे हैं।यह सरासर जाति अख्तियार है मगर इसके साथ-साथ यह भी याद रखिए कि कुदरत का यह खूबसूरत और अजीम तरीन तोहफा हमें इसलिए दिया गया है। कि हम अपने आपको एक अच्छा और बेहतर इंसान बना कर इस नेमत के अहल होने का सबूत दे सकें। फन यह नहीं कि जिंदगी बस गुजार ली जाए। बल्कि फन तो है कि जिंदगी को उसकी असल हकीकत के मुताबिक समझ कर गुजारा जाए, क्योंकि हर चीज का कोई ना कोई मकसद जरूर पाया जाता है। चाहे वह हमारे इस्तेमाल का कोई कलम हो, या हमारे पहनने के कपड़े, दुनिया में पाई जाने वाली हर वस्तु अपने अंदर कोई न कोई मकसद जरूर रखती है।अल्लाह ताला ने बशर यानी इंसान को पैदा भी इसी मकसद से किया है। कि वोह अल्लाह की इताअत करे, और बामकसद जिंदगी गुजारे,,

इस्लामी नुकते नज़र से दुनिया  आखिरत की खेती है। इंसान यहां जो बोएगा आखर्त मे वही काटेगा मेरी यह जाति राय है कि जिंदगी जिंदादिली का नाम है... उसे जिंदा और बाशउर इंसानों की तरह  बसर कीजिए, इसलिए  जरूरी है कि हम अल्लाह ताला की इस लाजवाल और बेमिसाल नेमत को मोहब्बतों, चाहातो और इंसानियत के नाम करें।

 

जिंदगी का एहतराम कीजिए और एक बावकार और शानदार जिंदगी जीना चाहते हैं। तो अपनी जिंदगी को बामकसद बनाएं, अपनी जात को  दूसरे इंसानों के लिए रहमत साबित कीजिए, दूसरों का एहतराम कीजिए दूसरों के काम आए, लोगों की कदर कीजिए, बर्दाश्त करना सीखिए, क्योंकि मोहब्बत ही वह ताकत है जिससे हम इस जमीन पर सांस लेती हुई जिंदगी को खूबसूरत बना सकते हैं। जिंदगी बहुत मुखतसर है। इसकी कदर कीजिए। यह हमेशा आपके पास नहीं रहेगी।।


 

आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं।

 सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं।

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