उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि, विधान सभा में उपाध्यक्ष के पद पर विपक्ष के सबसे बड़े दल के सदस्य को सदन में निर्वाचन के उपरान्त पदास्थापित करने की अब तक की परम्परा रही है।
समाजवादी पार्टी इस पद पर पिछड़े या दलित वर्ग के किसी योग्य एवं अनुभवी सदस्य को बैठाना चाहती थी परन्तु भारतीय जनता पार्टी पिछड़े और दलित वर्ग के व्यक्ति को बैठाना नहीं चाहती थी इसीलिए साढ़े चार साल तक निर्वाचन ही नहीं कराया, न कोई बैठक, न प्रस्ताव कभी लाया गया अब चुनाव नजदीक देखते हुए वोट की राजनीति कर रही है।
भाजपा अब अचानक साढ़े चार साल बाद विधायक, नितिन अग्रवाल को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर अचानक सदन आहूत कर नामांकन तिथि निश्चित कर दिया है।
श्री नितिन अग्रवाल भाजपा के प्रत्याशी हैं। समाजवादी पार्टी ने पिछड़ी जाति (कुर्मी) के महमूदाबाद, सीतापुर के विधायक श्री नरेन्द्र वर्मा को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर आज नामांकन तिथि पर सबसे पहले नामांकन प्रस्तुत कराया है।
कल सदन में निर्वाचन के बाद पता चलेगा कि भाजपा विधान सभा की परम्परा का पालन करती है या नहीं।।
डेस्क न्यूज़
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