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पूर्वजों को याद करने के साथ उनके विचारों को आत्मसात करना जरूरी : रामगोविंद चौधरी





लखनऊ,उत्तर प्रदेश। डेस्क न्यूज़- राजधानी लखनऊ में आयोजित ‘बहादुर शाह ज़फ़र जयन्ती समारोह’ में बोलते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि बहादुर शाह ज़फ़र ने बरतानिया हुकूमत के खिलाफ जो किया उसे चाहे बगावत कहा जाए, चाहे आजादी की लड़ाई पर आजादी की नींव वहीं से रखी गई थी। ऐसे ही बलिया की धरती पर शुरू हुए सम्पूर्ण क्रांति के आंदोलन का भी शीर्ष महत्व है। चौधरी ने कहा कि आज फिर समझने और एक होकर स्थिति का मुकाबला करने की जरूरत है, अन्यथा जैसे हम कभी अंग्रेजों के गुलाम थे आगे कुछ पूंजीपतियों के गुलाम होंगे।

उन्होंने कहा कि अमर शहीद महान स्वतंत्रता सेनानी बहादुर शाह ज़फ़र को याद करते हुए हमें बदलाव की ओर चलना पड़ेगा। चौधरी ने एक कविता की लाइनों के साथ अपनी बात पूरी की ‘गंगा की कसम, जमुना की कसम यह ताना बाना बदलेगा, कुछ तुम बदलो कुछ हम बदलें तब सारा जमाना बदलेगा’।

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