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शिक्षा और सोच में बदलाव ,उज्ज्वल प्रताप सिंह के ✍️कलम से



 नई दिल्ली।    एल आर टी एजुकेशन,के ब्रांड एंबेसडर उज्ज्वल प्रताप सिंह कहते है की शिक्षा और सोच में बदलाव भारत में जब कोई युवा प्रतियोगी परीक्षा पास करता है , तब उसकी सफलता की कहानी बताते समय यह बताया जाता है।

कि इनके पिताजी रिक्शा चलाते थे या होटल में प्लेटें साफ करते थे । देखिए , आज उनका बेटा आईएएस बन गया है ।

इस पूरे विवरण में जो विचार है , वह यह है कि रिक्शा चलाना या होटल में प्लेटें साफ करना नीचा व छोटा काम है और आईएएस बहुत ऊंचा होता है ।

असल में , अपने देश में काम से व्यक्ति की इज्जत और बेइज्जती निर्धारित होती है ।

इसलिए भारत में शरीर से श्रम करना हमेशा नीच कर्म तथा प्रशासन - शासन के काम करना उच्च कार्य माना गया ।

को जीवन भर इस देश में कई बच्चे इसलिए भी आत्महत्या करते हैं , क्योंकि हमने उन्हें एहसास कराया है कि यदि तुम डॉक्टर , इंजीनियर , आईएएस , आईपीएस नहीं बने , तो तुम्हारी जिंदगी बेकार है ।

अब समाज में न तुम्हारी कोई इज्जत होगी , न तुम्हें पैसा मिलेगा । व्यक्ति की इज्जत उसके इंसान होने के कारण करने के बजाय हम उसके पद या उसकी दौलत की करते हैं ।

समाज के लिए हर काम जरूरी है । उसे कार मैकेनिक , प्लंबर , स्वीपर , कॉबलर , टैक्सी ड्राइवर , इलेक्ट्रिशियन , किसान और मजदूर की भी आईएएस जितनी ही जरूरत है ।

पर  मेहनतकशों को जीवन भर अपमानित करते हैं और उसकी जिंदगी को सजा बना देते हैं ।
इसी लिए सोच समझकर कर किसी को सलाह देना चाहिए, किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।

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