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पत्रकार नहीं रहा सुरक्षित, धरना देकर पत्रकार ने मांगी सुरक्षा





पत्रकार विजय गुप्ता के हत्यारों को फांसी की सजा एवं सरकार द्वारा परिजनों को आर्थिक मदद की माँग।

कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।

इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन, प्रेसक्लब आॅफ यूपी और आईना (न्याय का दर्पण) के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारों पर हो रहे अनवरत हमले,फर्जी मुकदमे व हत्याओं के विरोध में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन स्थानीय भारत माता की मूर्ति बड़ा चौराहे पर आयोजित किया गया।
धरने को संबोधित करते हुए इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन कानपुर नगर जिला संरक्षक एजाज सिद्दीकी,अश्वनी दीक्षित,अजय पत्रकार ने कहा वर्तमान में पत्रकार बंधु उत्पीड़न का शिकार है,समाज को आईना दिखाने वाले आज खुद आईना बन कर रह गए हैं,किसी विशेष खबर पर पत्रकारों को प्रलोभन और धमकियां मिलना आम बात हो गई है,और सरकारी तंत्र से भी इन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
प्रेस क्लब आफ यू पी के प्रदेश अध्यक्ष मोहित श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश में आजकल जिस तरह पत्रकारों की हत्याएं वह हमले हो रहे हैं उससे लगता है प्रदेश सरकार लोकतंत्र का गला घोटना चाहती है।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन कानपुर नगर जिला महामंत्री हफीज अहमद खान ने पत्रकार एकता पर बल देते हुए कहा कि पत्रकार समाज की आवाज बनकर तो उस समाज को एकजुट कर देता है, लेकिन समाज का आईना दिखाने वाला पोर्टल न्यूज़ चैनल में काम करने वाला पत्रकार स्व0  विजय गुप्ता  की हत्या कर दी गई घटना का पत्रकारों में में काफी आक्रोश है, हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए एवं परिवारजनों को ₹50 लाख की आर्थिक मदद सरकार द्वारा एवं सरकारी नौकरी दी जाए। परंतु पत्रकार की किसी भी समस्या पर कोई सामाजिक व राजनीतिक दल पत्रकार की आवाज नहीं बनता है,लोकतंत्र के लिए बड़े शर्म की बात है, कि आज पत्रकारों को अपनी सुरक्षा के लिए धरना देना पड़ रहा है।
 इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन कानपुर नगर जिलाध्यक्ष मुकीम अहमद कुरैशी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को आजादी दिलाने में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है,इसी शहर के मौलाना हसरत मोहानी व गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपनी लेखनी से अंग्रेज सरकार की रातों की नींद हराम कर दी थी,भारत के विभिन्न प्रांतों व जिलों में उस वक्त के पत्रकारों ने अपनी बेबाक पत्रकारिता के बल पर अंग्रेज सरकार के छक्के छुड़ा दिए थे, परंतु आज जिस तरह सरकार पत्रकारों के प्रति लापरवाही बरत रही है उससे पत्रकारों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
 धरने की अध्यक्षता एजाज सिद्दीकी व संचालन कमर आलम ने किया।धरने में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार बृजेश दीक्षित , शीनू पत्रकार, हरिओम गुप्ता, नाजिम अली खान, महबूब आलम खान,महेंद्र सिंह यादव,कमर आलम, अमित त्रिवेदी,मुर्तुजा खान,दुष्यंत सिंह,दिलशाद खान,शमीम, मोहम्मद शाहिद, निजामुद्दीन इरशाद अहमद अभिषेक कठेरिया एस0के0मणि आदि पत्रकार गण मौजूद रहे।

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