Ticker

6/recent/ticker-posts

विश्व सेरेब्रल पाल्सी डे की पूर्व संध्या पर गोष्ठी का आयोजन




By- शबा परवीन

बलिया। विश्व सेरेब्रल पाल्सी डे की पूर्व संध्या पर एक गोष्ठी आयोजित की गई।

 ईस मौक़े पर वक्ताओं ने कहा कि जागरूकता सभी के लिए जरूरी है। क्योंकि इस बीमारी को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां हैं। यह एक सामान्य शारीरिक विकलांगता है। लेकिन इसमें दृश्य श्रवण स्पीच मिर्गी बौद्धिक हानि भी शामिल है। यह बातें विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ एसके उपाध्याय ने कहा कि अगर बच्चा जन्म लेते ही नहीं रोता है। उसके उसके शरीर में हरकत नहीं हो रही है। 

पानी की विनाश उचित या सेरेब्रल पाल्सी हो सकती है। शुरुआत में ही विशेषज्ञ चिकित्सक से इसका इलाज कराने पर ठीक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेरेब्रल पाल्सी की पहचान अत्यंत जरूरी है। आमतौर पर बच्चों की असामान्य हरकतों पर ध्यान नहीं देते और 7-8 वर्ष के होने के बाद जब लोग ध्यान देते हैं तो देर हो चुकी होती है। फैमिली चिकित्सक की आप पीडियाट्रिशियन बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण देखकर हिस्ट्री लेकर विकास देखकर शारीरिक जांच करके या किसी अच्छे तंत्रिका तंत्र विशेषज्ञ या बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजिस्ट के पास भेज देता है। उन्होंने बताया कि बीमारी का रूप पहचान कर इलाज किया जा सकता है। कहाकि यह कई तरह की होती है उपाध्याय ने बताया कि किसी को देखने की समस्या होती है तो किसी की दिमाग सोच नहीं पाता किसी को शरीर की हरकतों पर काबू नहीं रहता बीमारी की प्रकृति पर उसका इलाज किया जाता है पर काबू नहीं है तो दो-तीन अगले महीने क्लीनिक में विश्व के उन्हें ट्रेनिंग देते हैं ग्लास पकड़ना बाल पकड़ना बुलाने बैठने के इशारे करना है खुद से कपड़े बदलना जैसी भी सिखाई जाती है और मांस पेशियों की अकड़न कम करने के लिए  मशीनों का सहारा लिया जाता है। डॉ उपाध्याय के मुताबिक सेरेब्रल पाल्सी के बारे में बहुत से लोगों को पता ही नहीं है यह सबसे बड़ी परेशानी है वह समझ नहीं पाते कि उनका बच्चा इसरो की जाती है कुछ साल पूर्व तक डॉक्टर और परिजन बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी से उत्पन्न विकलांगता को पोलियो समय लेते हैं एक अनुमान के मुताबिक भारत में 3500000 से भी ज्यादा बच्चे इस बीमारी की चपेट में है डॉक्टर उपाध्याय के अनुसार बलिया जिले में भी काफी संख्या में बच्चे सेरेब्रल पाल्सी के शिकार हैं ऐसे बच्चों का चिकित्सक से इलाज कराने का होती है। उन्होंने रोग के लक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि जन्म के बाद बच्चे का नहीं रोना 3 माह के अंदर गर्दन ना संभाल पाना 8 माह तक बैठना शुरु ना होना डेढ़ साल में चल ना पाए आंखें तिरछी आप प्रतिक्रिया ढीली होने की समस्या हो तो यह सेरेब्रल पाल्सी है रोग के कारण के बारे में बताया कि डिलीवरी होते ही बच्चे का सांस ना लेना देरी से सांस लेने में ब्रेन डैमेज हो जाता है जन्म के बाद मुंह में पानी चला जाना प्रीमेच्योर डिलीवरी भी इसका एक प्रमुख कारण है

Post a Comment

0 Comments