जीवन में नित बढ़ना होगा, समय के साथ बदलना होगा। हवारूपी इस जीवन में, तूफानों के साथ चलना होगा। जीवन में नित बढ़ना होगा। प्रकृति के विचार में नित, दिन पर दिन अब ढलना होगा। पग पग पर बाधा पार करके, समय के साथ अब चलना होगा। जीवन में नित बढ़ना होगा। प्राचीन रूढ़िया तोड़कर हमको, नवीन दिशा में बढ़ना होगा। मन में कर संकल्प उठ अब, नई ऊँचाई के लिए अड़ना होगा, जीवन में नित पढ़ना होगा। व्यर्थ के सोच विचार को, अब समय से बंद करना होगा। नव ऊर्जा नव अभिलाषा लेकर, जीवन में नीत बढ़ना होगा। भोला सिंह 8801344790 महावीर धाम सोसाइटी युवा बलिया
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