सिकन्दरपुर ( बलिया ) 2 अप्रैल कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । खेती - किसानी का काम समुन्नत होने और कृषि उपज बढ़ने पर ही देश आर्थिक रूप से मज़बूत व तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा ।
यह तथ्य है की कृषि के आधुनिक यंत्रों व दीगर संसाधनों के प्रादुर्भाव के पूर्व देश में पिछले कुछ दशक पूर्व तक बाबा आदम से चली आ रही खेती ही हो रही थी ।
संसाधनों के ईजाद होनें के बाद खेती के काम में पूर्वापेक्षा काफी बदलाव के साथ ही उत्पादन में भी बढोत्तरी हुई है । बावजूद इसके खेती किसानी के क्षेत्र में अभी भी काफी गुंजाइश है ।
यदि देश के सभी किसान वैज्ञानिक विधि से खेती करने लगें तो उपज में काफी बृद्धि हो सकती है ।
उसी वैज्ञानिक विधि से खेती करके भरपूर लाभ प्राप्त कर रहे हैं क्षेत्र के बरवां चड़वां के प्रगतिशील युवा किसान मुन्ना शर्मा ।
मुन्ना शर्मा कहते हैं की वह उन्नतिशील किस्म के बीज का चयन करते और खेत में डालने के पूर्व उसका शोधन करते हैं । इस दौरान कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर खेत में निश्चित मात्रा में खाद का प्रयोग करते ।
साथ ही समुचित देख- भाल व समय से सिंचाई के बल पर सभी फसलों का अच्छा उपज प्राप्त करते हैं । इस सीजन में भी उन्हों ने क़रीब 8 बीघा क्षेत्रफल के खेत में गेहूं की अच्छी काश्त किया है । समय से बुआई वखाद के प्रयोग व सिंचाई के चलते खेत में फसल का अच्छा जमाव हुआ है । जिससे उन्हें भरपूर उपज मिलने की उम्मीद है ।
इस खास बात चीत में किसान मुन्ना शर्मा नें
सभी किसान भाईयों से खेती में वैज्ञानिक विधि अपना कर अधिकाधिक उपज प्राप्त करने की सलाह दी ।
रिपोर्ट-ज्ञानप्रकाश
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