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हमारे लिए इस पूरी कायनात में तीन गुरु हुए ,,
माता-पिता एवं गुरु.....
गुरु केवल आपको ज्ञान से ही नहीं भरते हैं , बल्कि आपके भीतर प्राण शक्ति को भी जगाते हैं, आपकी आत्मा को सबल बनाने में अपनी जिंदगी के अमूल्य समय देकर आपको इस लायक बनातें हैं कि आप कच्ची मिट्टी से एक दृढ़ संकल्प नागरिक बनते हैं , और उस उपकार के बदले हम गुरु को क्या दें सकते हैं,, अतः सभी गुरुजनों को आदर सादर अभिवादन करते हैं,,
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इस समाज की सच्ची सम्पत्ति यदि कुछ है तो वो हैं गुरु, गुरु ही जनमानस के नायक और उन्नायक है, क्यूंकि गुरु सम्पूर्ण समाज के प्राण होते हैं, कहते हैं कि जो शिष्य गुरु की चरणों में झुक गया,समझो वो मनुष्य से इंसानियत लिए हुए इंसान बन गया....।.
जीवन में कभी हार न मानना,
संघर्षों से कभी न भागना,
मुसीबतों का डटकर मुकाबला करना,और केसच्चाई के मार्ग पर चलना , हमें एक आदर्श शिक्षक ही सीखाते हैं,, इस लिए गुरु आदिकाल से लेकर आधुनिक युग में भी पूज्यनीय हैं 🌼🌼🌼🌼🌼
गुरु न केवल हमें सही ग़लत का ज्ञान कराते हैं बल्कि वो हमें आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर कराते हैं, इसीलिए ये प्राकृत भी खुद की जगह गुरु को ही प्रथम पूज्य मानती है, इस लिए ये सृष्टि सभी गुरुजनों को लम्बी उम्र दें तथा इनके जीवन में हमेशा खुशियों के दीप प्रज्जवलित रहें 🌺🌺🌺🌺
जो समाज गुरु के द्वारा प्रेरित है वह अधिक तेजी से उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है, किन्तु जो समाज या राष्ट्र गुरु विहीन है वह पंगुता लिए हुए कुंठित मानसिकता वाला हो जाता है और वह चाहकर भी उन्नतिशील नहीं हो सकता....🌸🌸🌸🌸🌸🌸
*सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम*
🌼🌼🌼 *भारती* 🌼🌼🌼
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