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दी लाइफ क्लास की तरफ से गणतंत्र दिवस के अवसर पर ,एक शाम हिंदुस्तान के नाम, प्रोग्राम किया गया


सिकन्दरपुर, बलिया। 27 जनवरी। नगर के निकट पूर्वांचल बैंक स्थित ,,दी लाइफ क्लास एंड लाइब्रेरी हाल,, संस्थान की तरफ से 70 वें गणतन्त्र दिवस के संध्या पर ,एक शाम हिंदुस्तान के नाम,,पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिसके मुख्य अतिथि भूतपूर्व मेजर भारतीय सेना D,N राय तथा विशिष्ट अतिथि देवाशीष भट्टाचार्य ,डॉक्टर आशुतोष गुप्ता,अतिविशिष्ट अतिथि जहीर आलम थे।
कार्यक्रम की शुरुवात में सर्व प्रथम अतिथियों नें भारत माता के चित्र पर माला पहना पुष्प अर्पित किया तथा द्वीप भी प्रज्ववलित किया।

सर्व प्रथम सरस्वती शिशुमन्दिर की कक्षा 6 की छात्राओं ने स्वागत गीत पर नृत्य किया। उसके बाद संस्थान के बच्चों ने वंदे मातरम गीत पर अलग-अलग कपड़ों की सहायता से तिरंगे की रूप में विभिन्न कलाकृतिया बनाईं।
छोटे-छोटे बच्चों नें भी फिल्मी गानों पर डांस किया।

*देश के प्रति समर्पण की भावना रखनीं चाहिए-जहीर आलम शिक्षक *

हमारे लिए देश सर्वोपरि है हमे देश के लिए समर्पण की भावना रखनीं चाहिए खासकरके बच्चे देश के प्रति समर्पित रहें यह हमारी ईश्वर से कामनां है।शिक्षा के दिशा में संस्कृति एक अभिन्न कड़ी है। 
यह देश वीर जवानों स्वतन्त्रता सेनानियों के लहू से सींचा हुवा देश है। ये हरियाली आज दिख रही है उन्हीं की देन है। शिक्षा निरंतर चलनें वाली प्रक्रिया है नई तकनीक ,नई परिवेश में प्रवेश करेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा।
शिक्षा के प्रति बच्चों को प्रेरित किया।
कहा कि हमारे देश में एक सुई तक नहीं बनाई जाती थी 
मगर आज देश नित उचाइयां चढ़ रहा है यह सब शिक्षा के बदौलत ही हो रहा है। आज हम सबको यह दृढ़ संकल्प लेना है कि देश को शिक्षा के बदौलत विकाश के पथ पर आगे लेकर चलेगें।।
*आज हमारे संविधान का नकल पूरी दुनिया करती है-डी एन राय*
गुलामी की जंजीर को तोड़ते हुवे देश के कितने जवानों ने आज़ादी की लड़ाई में अपनीं जान गवां दी तब जाकर हमें ये आज़ादी मिली है। उसके बाद देश का संविधान लिखा गया। देश का संविधान लिखनें में 3 साल का समय लगा । संविधान को लिखनें में 200 से ज्यादा मेम्बरों की कड़ी मेहनत की बदौलत लिखकर तैयार हुआ। जिसके मुख्य लेखक बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर थे। फिर एक वो भी दिन आया जिस दिन संविधान पूरी तरह से लिखकर तैयार हुआ । जिसको 26 जनवरी के दिन पूर्ण रूप से लागू किया गया । तभी से 26 जनवरी के दिन को पर्व के रूप में मनाया जाने लगा।
आज हमारे संविधान का नकल पूरी दुनिया करती है।

शिक्षा-
शिक्षा का अधिकार है परन्तु मिल नहीं पता। इस लिए शिक्षा में समर्पण जरूरी है। शिक्षा के प्रति सदैव समर्पण की भावना रखनीं चाहिए ,
तीन बातों का अपनें जीवन में जरूर ध्यान रखें।
(1) हमेशा अच्छे लोगों के साथ संगत रखनीं चाहिए तभी आप जीवन में आगे बढ़ पाएंगे।
(2) बात को भूल जाना 'बीता हुआ कल कभी भी याद नहीं रखना चाहिए। हमें अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। बीते हुवे बातों को याद करके उलझना नहीं चाहिए ।
(3) डाइट का खास ध्यान, हमें अपने शरीर के लिए बैलेंस डाइट(प्रयाप्त भोजन) ही लेना चाहिए। क्यों कि जैसा भोजन हम लेंगे वैसी ही हमारी प्रवृति होगी । हमारे पूर्वज पर्याप्त भोजन करके ही अधिक दिन तक जीते थे। आप पढ़ने आए हैं तो सिर्फ पढ़ाई करें दूसरे को छोड़ दें जो करता है वह करें। आप सिर्फ अपने और अपने पढ़ाई के बारे में सोचो।

अपने माता पिता कसा देव आदर करें साथ में परिवार के अन्य सदस्यों का भी आदर करना अति आवश्यक है यह शिक्षित व्यक्ति की पहचान। अगर आप अपने माता पिता का सम्मान करेंगे दो आप को भी जीवन में सफलताएं ही सफलताएं मिलेगी।
विद्यार्थी जीवन, विद्यार्थी जीवन में समय ही बलवान होता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में समय की कीमत भगवान से भी बढ़कर होता। समय का सदैव उपयोग करिए । आप अपना पूरा समय शिक्षा पर दीजिए आप अपने पढ़ने लिखने का एक टाइम टेबल बना लीजिए तथा अपने माता पिता को दिखाइए कि मैंने अपने पढ़ाई लिखाई के लिए यह टाइम टेबल बनाया है।
अंत में संस्थापक मोहनीश जायसवाल ने कहा की हमारा निरंतर प्रयास है कि व्यक्ति व्यक्ति तक शिक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर संदेश दिया जाए की जीवन में शिक्षा का कितना बड़ा महत्व है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन मोहनीश जयसवाल ने किया।

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