मानदेय को लेकर उत्तर पुस्तिका मुल्यांकन बहिष्कार करेंगे वित्तविहीन शिक्षक*
*रसड़ा(बलिया)।* माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के जिलाध्यक्ष डा. कृष्णमोहन यादव ने अपने रसड़ा प्रवास के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि वर्तमान सरकार शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन है। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा का 87 प्रतिशत दारोमदार का निर्वहन करने वाले वित्तविहीन विद्यालयों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिये इनके पास कोई कार्ययोजना नहीं है और तो और पूर्व में निर्गत मानदेय की धनराशि को भी इनके द्वारा बंद कर दिया गया।
प्रदेश नेतृत्व के निर्णय के समर्थन में संगठन ने मानदेय देने की मांग को लेकर 17 मार्च 2018 से होने वाले बोर्ड परीक्षा उत्तर पुस्तिका के मुल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह सामूहिक बहिष्कार मानदेय जारी होने तक जारी रहेगा। जिलाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार सबका साथ, सबका विकास की बात करती है, वहीं 87 प्रतिशत वित्तविहीन शि्ांक्षक/कर्मचारी सरकार के गलत नीतियों के कारण रोजी पाकर भी रोटी के लिये मोहताज है। अन्यथा सैकड़ों-सैकड़ों करोड़ रूपये हवाई प्रचार प्रसार के नाम पर खर्च करने वाली सरकार पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय, जीविकोपार्जन के लिये निर्गत मात्र 200 सौ करोड की परंपरा को रोकती नहीं बल्कि बढ़ाती।
कहा कि सम्मानजनक मानदेय को लेकर हम उत्तर पुस्तिका मुल्यांकन बहिष्कार आंदोलन के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस मौके पर उनके साथ अजय कुमार सिंह, अनिल सिंह, बृजकिशोर प्रजापति, आलोक रंजन मिश्रा, सतीश यादव, विनय सिंह, आलोक सिंह, सुनील सिंह, रमेश चंद्र, चंद्रभूषण आदि ने भी क्षेत्र भ्रमण कर शिक्षकों से मुल्यांकन बहिष्कार को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की अपील की।
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