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तमाम विवादों के बाद संत रविदास जी का किशोर गांव से निकाला गया मूर्ति जुलूस



सिकन्दरपुर, बलिया।19 फरवरी। मंगलवार की दोपहर को थाना क्षेत्र के नवयुवक मंगलदल कमेटी किशोर चेतन के तत्वधान में दलित समाज द्वारा श्री रविदास जयंती के उपलक्ष में भव्य जुलूस निकाला गया।

जिसके मुख्य अतिथि बहुजन समाज पार्टी के जिला संयोजक भारतेंदु चौबे उर्फ पप्पू थे। सर्वप्रथम कमेटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथि का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। तत्पश्चात मुख्यातिथि भारतेंदु चौबे ने संत रविदास जी के मूर्ति पर फूल माला पहनाकर जुलूस को रवाना किया। यह जुलूस गांव स्थित डीह बाबा के स्थान से चलकर जलालपुर चट्टी से होकर नई बस्ती के रास्ते चतुरसनठी किशोर गांव तक पहुंचा। यहां से पुणे किशोर चेतन डीह बाबा के स्थान पर जाकर मुर्ती 3 दिन के लिए स्थापित की गई। इस जुलूस में महिलाओं द्वारा संत जी के जीवन के ऊपर गीत भी गाया गया।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि, संत रविदास जी एक महान गुरु थे
हमें उनके बताए गए मार्ग पर चलना चाहिए कहा कि संत रविदास जी का जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा उन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों के बावजूद भी एक संत का रूप धारण करके रखा है। आज हमें भी उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।

इनसेट-

 ग्राम सभा किशोर चेतन में सोमवार की सुबह रविदास पूजा की तैयारी के लिए गांव के नवयुवक मंगल दल  के सदस्य गांव केही एक स्थान जहां पर समस्त ग्राम वासियों का कूड़ा फेंका जाता है उस की साफ सफाई मूर्ति स्थापना के लिए कर रहे थे तभी गांव के ही एक व्यक्ति ने डायल 100 फोन करके वहां बुला दिया तथा उस जमीन पर अपना मालिकाना हक बताते हुए कहा कि यह जमीन मेरी है इसलिए यहां मूर्ति पूजा नहीं होगी। 

पुलिस की ततपरता से दोनों पक्षों का टला विवाद

मौके पर पहुंचे डायल 100 की टीम ने यथास्थिति काम रुकवा कर इसकी सूचना थाने पर दी कोतवाल  ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
जिस पर दलित समाज द्वारा यह दावा किया गया की यह सार्वजनिक कूड़ा फेंकने का जगह है जिस पर हम लोग सिर्फ 3 दिन के लिए ही मूर्ति स्थापना करेंगे।
उसके बाद हम लोग यहां से मूर्ति हटा देंगे।
जिस पर आपत्ति जताते हुए दूसरे पक्ष ने कहा कि मेरे चक में यह जमीन आती है जिसको की नापने  पर सामने आ जाएगा तथा तहसीलदार सिकंदरपुर द्वारा मूर्ति न रखने का नोटिस भी दिखलाया। जिसमें तहसीलदार द्वारा नई जगह पर मूर्ति रखने के लिए साफ तौर पर मना किया गया था।
कोतवाल  ने लोगों को समझाते हुए कहा हमारा काम है शासन द्वारा आदेश का पालन कराना। इसलिए नई जगह पर कोई भी मूर्ति नहीं रखी जाएगी।
अंततः दलित समाज द्वारा मंगलवार की सुबह आप उसी  बातचीत तथा भारतेंदु चैबे के समझाने के बाद गांव के ही डीह  बाबा के स्थान पर मूर्ति की स्थापना की गई।
ज्ञात हो कि इससे पहले संत श्री रविदास जी की मूर्ति गांव के ही किसी व्यक्ति के निजी जमीन पर रखी जाती थी परंतु विगत दिनों उस व्यक्ति ने वहां अपना घर बनवा लिया जिसके बाद नई जगह पर मूर्ति रखने को लेकर यह सारा विवाद पैदा हुआ था।

रिपोर्ट- दीपक कुमार

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